मंसूबा हो गया क़ामयाब उनका।
अब क्यूँ याद करेंगे वह?
नहीं ज़रूरत तुम्हारी उन्हें।
अब क्यूँ याद करेंगे वह?
मुखौटे पहने हँस रहे थे,
तुमने हँसी को सच समझा।
जनाज़े में तक ना आए
अब क्यूँ याद करेंगे वह?
Mansuba hogaya Qamyab unka,
Ab kyu yaad karenge wah?
nahi zarurat tumhari unhe,
Ab kyu yaad karenge wah?
mukhaute pehne has rahe the,
Tumne hasi ko sach samjha.
Janaaje me tak na aaye,
Ab kyu yaad karenge wah?
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